स्थानकवासी परम्परा और उसकी मौलिक मान्यताएँ
भगवान महावीर की विशुद्ध परम्परा निग्र्रन्थ, श्रमण, सुविहित आदि विविध रूपों का पार करती हुई समय के प्रभाव से स्थानकवासी के नाम से पुकारी जाने लगी। ‘स्थानक’ शब्द का अर्थ बहुतव्यापक…….
स्थानकवासी परम्परा और उसकी मौलिक मान्यताएँ
भगवान महावीर की विशुद्ध परम्परा निग्र्रन्थ, श्रमण, सुविहित आदि विविध रूपों का पार करती हुई समय के प्रभाव से स्थानकवासी के नाम से पुकारी जाने लगी। ‘स्थानक’ शब्द का अर्थ बहुतव्यापक…….
स्थानकवासी परम्परा और उसकी मौलिक मान्यताएँ
भगवान महावीर की विशुद्ध परम्परा निग्र्रन्थ, श्रमण, सुविहित आदि विविध रूपों का पार करती हुई समय के प्रभाव से स्थानकवासी के नाम से पुकारी जाने लगी। ‘स्थानक’ शब्द का अर्थ बहुतव्यापक…….
Address: अखिल भारतीय श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ एवं सहयोगी संस्थाएं, शरद चन्द्रिका मोहफत राज मोहणोत सामायिक स्वाध्याय भवन, प्लॉट न. 2, ओस्वाल छात्रावास के सामने, नेहरू पार्क, जोधपुर – 342001