चतुर्विध संघ सेवा एवं अनुकम्पा कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक चारित्रात्मा के संघाटक, चातुर्मास की प्रगति हेतु भी विशेष प्रोत्साहन और सार-संभाल का कर्य किया जाता हैं ।
पूज्य संत-सतीमण्डल के साथ साथ श्रावक-श्राविका वर्ग में भी चतुर्विध संघ की सेवा में कैसे अभिवृद्धि हो इस सेवाकार्य में निष्णात बंधुओं को कैसे आगे बढ़ाना – ये सब परिषद् के इसी सौपान के माध्यम से चिंतन मनन किया जाता हैं ।