…………………….पच्चक्खाणं कयं तं पच्चक्खाणं सम्मं काएणं, न फासियं, न पालियं, न तीरियं, न किट्टियं, न सोहियं, न आराहियं तस्स मिच्छा मि दुक्कडं।
…………………….पच्चक्खाणं कयं तं पच्चक्खाणं सम्मं काएणं, न फासियं, न पालियं, न तीरियं, न किट्टियं, न सोहियं, न आराहियं तस्स मिच्छा मि दुक्कडं।
रत्न संघ
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