जिस पर सुखासन, पर्यकासन आदि से स्थिरतापूर्वक बैठा जा सके, उसे आसन कहते है। किसी भी प्रकार की साधना-आराधना के लिए आसन स्वच्छ, सफेद रंग का होना चाहिए ताकि छोटे-से-छोटे जीव-जन्तु की विराधना से बच सकें।
आसन की साईज
बच्चों के लिए लगभग 1.5 x 1.5 फुट तथा
बड़ों के लिए लगभग 2 x 2 फुट होनी चाहिए।
आसन बहुत अधिक मुलायम, मोटा अथवा रोएँ वाला नहीं होना चाहिए, क्योंकि उसकी प्रतिलेखना अच्छी तरह से नहीं हो पाती तथा वह प्रमाद बढ़ाने में सहायक भी हो सकता है। जहाँ तक हो सके आसन सूती कपड़े का होना चाहिए।