रत्नसंघ

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सुपात्रदान विवेक-08 (Supatradaan Vivek-08)

घर में यदि गृहस्थ टीवी देख रहे हो और साधु-साध्वी का प्रवेश हो जाए तो साधु के लिए टीवी बंद नहीं करे जिस स्थिति में है उस स्थिति में बैठे रहे तो घर असुझता नहीं होता वे असुझते है। अन्य सदस्य आहारादि बहरा सकते हैं। यदि गृहस्थ साधु के आने पर उन्हें देखकर टीवी, एमबी, पंखे, कुलर आदि बंद करते हैं तो घर असुझता होता है। अतः गृहस्थ को विवेक रखना चाहिए कि गोचरी आदि के समय में ऐसे साधनों से अपने आपको दूर रखें ताकि संतों को गोचरी बहराने का अपूर्व लाभ प्राप्त कर सके। अथवा घर में टीवी आदि चालु हो तो रिमोट आदि अपने हाथ में नहीं रखे। इन उपकरणों का संघट्ठा नहीं करे।

श्रावक सचित्त चीजे चाहे रिमोट इत्यादि भी है तो अपने से दूर स्थान पर रखें। इस बात का ध्यान रखें कि बहराने के लिए बैठे से उठना हो तो साधु भगवन्त असूझता कर सकते हैं पर अगर वह श्रद्धा एवं सम्मान देने हेतु खड़ा हो रहा है तो घर असूझता नहीं होगा वह व्यक्ति असूझता हो सकता है।

साधु भगवन्त आवे तो ऐसे भगवन्तों के आने पर ठूंठ की भाँति भी नहीं बैठे रहना चाहिये। और ना ही असहज होना चाहिये। भयभीत भी नहीं होना चाहिये। साधु भगवन्त तो दयालु होते हैं। उनके आने से कम सकपका जावे वह ठीक नहीं है बहराने के लाभ से वंचित रह जाने का प्रायश्चित्त मन में जरुर होना चाहिये।