रत्नसंघ

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नाम: भगवान सुपार्श्वनाथ जी

पिता का नाम: प्रतिष्ठ

पूर्व भावगणना: 3 भव

योनि: मृग

गणधर: 95

दीक्षा साथी: 1000

निर्वाण स्थल: पाटलिखंड

साधवी: 4 लाख 30 हजार

मन पर्वज्ञानि: 9150

चवन स्थल: पियदसणे

पूर्वभव नाम: सुंदरबाहु

माता का नाम: पृथ्वी

लक्षण: स्वास्तिक

कुमार अवस्था: 5 लाख पूर्व

तप: बेला

केवल तिथि: फाल्गुन कृष्ण,7

साधना काल: 1 लाख पूर्व

श्रावक: 2 लाख 57 हजार

अवधिज्ञानी: 9000

चवन तिथि:

जन्म तिथि: ज्येष्ठ शुक्ल,12

पत्नी:

गण: राक्षस

आयु: 20 लाख पूर्व

परणास्थल: पाटलिखंड

दीक्षा वृक्ष: सरीश

छद्ममस्था: 9 माह

श्राविका: 4 लाख 93 हजार

प्रथम शिष्य: पदोतन

समवयंग शिविका: जयंती

जन्म नक्षत्र: विशाखा

अवगाहना: 200 धनुष

वर्ण: तपे सोने के समान

राज्यकाल: 14 लाख पूर्व 20 अंग

दीक्षा तिथि: ज्येष्ठ शुक्ल,13

निर्वाण तिथि: फाल्गुन कृष्ण,7

साधु: 3 लाख

केवल ज्ञानी: 11,000

शाशन यक्ष: मातग

केवलज्ञान वृक्ष: पीपली

नाम: भगवान सुपार्श्वनाथ जी

पूर्वभव नाम: सुंदरबाहु

पिता का नाम: प्रतिष्ठ

माता का नाम: पृथ्वी

जन्म तिथि: ज्येष्ठ शुक्ल,12

जन्म नक्षत्र: विशाखा

पत्नी:

अवगाहना: 200 धनुष

पूर्व भावगणना: 3 भव

लक्षण: स्वास्तिक

गण: राक्षस

वर्ण: तपे सोने के समान

योनि: मृग

कुमार अवस्था: 5 लाख पूर्व

आयु: 20 लाख पूर्व

राज्यकाल: 14 लाख पूर्व 20 अंग

गणधर: 95

तप: बेला
परणास्थल: पाटलिखंड
दीक्षा तिथि: ज्येष्ठ शुक्ल,13
दीक्षा साथी: 1000
साधना काल: 1 लाख पूर्व
छद्ममस्था: 9 माह
साधु: 3 लाख
साधवी: 4 लाख 30 हजार
अवधिज्ञानी: 9000
प्रथम शिष्य: पदोतन
शाशन यक्ष: मातग
चवन स्थल: पियदसणे
केवल तिथि: फाल्गुन कृष्ण,7
दीक्षा वृक्ष: सरीश
निर्वाण तिथि: फाल्गुन कृष्ण,7
निर्वाण स्थल: पाटलिखंड
श्रावक: 2 लाख 57 हजार
श्राविका: 4 लाख 93 हजार
केवल ज्ञानी: 11,000
मन पर्वज्ञानि: 9150
चवन तिथि:
समवयंग शिविका: जयंती
केवलज्ञान वृक्ष: पीपली