रत्नसंघ

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दरी (DARI)

संवर तथा पौषध आदि करते समय रात्रि में जब विश्राम करने की आवश्यकता होती है तब श्रावक-श्राविकाओं के बिछोने के रूप में दरी का उपयोग किया जाता है। यह जहाँ तक हो सके सूती धागे की बनी होनी चाहिए। सफेद रंग की अथवा हल्के (सपहीज)रंग की हो ताकि प्रतिलेखना अच्छी तरह से की जा सकें।

सामान्यतः इसका माप
लम्बाई लगभग 6 फीट तथा
चौड़ाई लगभग 2 फीट की होनी चाहिए।

अधिक मोटी, रेशमी, रोएँ वाली दरी की प्रतिलेख्ना अच्छी तरह से नहीं हो पाती तथा ये प्रमाद, आलस्य और विकार बढ़ाने में सहायक भी बन सकती है अतः ऐसी दरियाँ बिछोने में काम में लेने से बचना ही उपयुक्त है।