रत्नसंघ

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दुपट्टा (DUPATTA)

नाभि से ऊपर के शरीर के भागों को ढँकने के लिये जो वस्त्र धारण किया जाता है, उसे दुपट्टा कहते हैं। यह वस्त्र भी बिना सिला हुआ तथा श्वेत रंग का होना चाहिए। श्वेत रंग पवित्रता, समता एवं शान्तता का प्रतीक होता है। जीवों की प्रतिलेखना कर उन्हें बचाया जाना भी सुगम हो जाता है, अन्य रंग के वस्त्रों में छोटे-छोटे जीव जन्तु दिखना ही मुश्किल हो जाता है।

इस वस्त्र का माप श्रावकों में सामान्यतः
लम्बाई लगभग 2.25 मीटर तथा
चौड़ाई लगभग 1.25 मीटर चौड़ाई का माना जाता है।

यह वस्त्र चोलपट्टा के वस्त्र की अपेक्षा हल्का सा कम मोटाई वाला हो सकता है।